नमस्कार साथियों अगर आप यूपी पीएससी पीसीएस पाठ्यक्रम हिंदी में डाउनलोड करना चाहते हैं तो आप सही जगह पर आए हैं आप यहां से UPPSC PCS Syllabus in Hindi PDF Download कर सकते हैं।
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के द्वारा आयोजित कराए जाने वाली यूपी पीसीएस की परीक्षा का पाठ्यक्रम आप पीडीएफ फाइल के रूप में डाउनलोड करना चाहते हैं तो UPPSC PCS Syllabus in Hindi PDF Download लिंक नीचे दी गई है लेकिन इससे पहले आपको हम इस लेख में बताएंगे कि यूपीपीएससी पीसीएस क्या है और यूपीपीएससी का सिलेक्शन प्रोसेस क्या है पूरी जानकारी विस्तार से-
UPPSC PCS क्या है?
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग यूपीपीएससी पीसीएस उत्तर प्रदेश राज्य का एक संविधान है निकाह एस के द्वारा राज्य सरकार द्वारा भेजी गई अभ्यर्थना के अनुसार उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग अभ्यर्थियों का चयन करता है एवं इसके लिए एक परीक्षा करवाता है जिसे यूपीपीएससी पीसीएस कहते हैं तो इसी का पाठ्यक्रम हम आप के लिए लेकर के आए हैं।
उत्तर प्रदेश उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग बोर्ड (यूपीपीएससी) राज्य प्रशासनिक सेवाओं में विभिन्न रिक्तियों को भरने के लिए प्रोविंशियल सिविल सेवा (पीसीएस) की ऑनलाइन परीक्षा आयोजित करता है।
UPPSC PCS Exam कुल तीन चरणों में आयोजित कराई जाती है। इसके ये तीन चरण हैं- प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार। आयोग के द्वारा ही इस परीक्षा के लिए पाठ्यक्रम का निर्धारण किया जाता है और उसके अनुरूप परीक्षा आयोजित कराई जाती है।
यूपीपीएससी पीसीएस परीक्षा क्रम | UPPSC PCS Exam Pattern in Hindi
सबसे पहले, आपको यूपीपीएससी पीसीएस परीक्षा के पैटर्न और अंकन योजना के बारे में पता होना चाहिए जैसा कि पहले कहा गया है कि यूपीपीएससी पीसीएस परीक्षा तीन चरणों में आयोजित की जाती है, अर्थात्
- प्रारंभिक परीक्षा [वस्तुनिष्ठ प्रकार और बहुविकल्पी] (Prelims)
- मुख्य परीक्षा [पारंपरिक प्रकार, लिखित परीक्षा] (Mains)
- साक्षात्कार [व्यक्तित्व परीक्षण] (Interview)
इस UPPSC PCS Exam Pattern HINDI– अब, आइए एक-एक कर के देखें कि प्रीलिम्स, मेन्स और इंटरव्यू का परीक्षा पैटर्न क्रमशः क्या है।
UPPSC PCS Prelims Exam Pattern
इस चरण में अर्हता प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों को ही अगले चरण (मुख्य परीक्षा) के लिए शॉर्टलिस्ट किया जाएगा। इस UPPSC PCS की प्रारंभिक परीक्षा में सामान्य अध्ययन के दो अनिवार्य पेपर होते हैं.
Exam | Questions | Marks | Time |
सामान्य अध्ययन पेपर-1 | 150 | 200 | 120 min |
सामान्य अध्ययन पेपर- II CSAT | 100 | 200 | 120 min |
नोट: पेपर- II एक क्वालिफाइंग पेपर है जिसमें न्यूनतम अर्हक अंक 33% निर्धारित हैं। मुख्य परीक्षा के लिए उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट करने के लिए पेपर- II में प्राप्त अंकों की गणना नहीं की जाती है।
महत्वपूर्ण बिंदु | IMPORTANT POINT
- प्रीलिम्स के दोनों पेपर 200 अंको के वस्तुनिष्ठ प्रकार के होंगे।
- प्रत्येक पेपर दो घंटे (120 मिनट) की अवधि का होता है।
- दोनों पेपर में चिह्नित किए गए प्रत्येक गलत उत्तर के लिए 1/3 अंक की Negeative Marking है। जैसे- यदि किसी प्रश्न के लिए आवंटित अधिकतम अंक 2 है, तो प्रश्न का गलत उत्तर देने पर 0.66 अंक काट लिया जाएगा
- सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा का पेपर- II एक अर्हक पेपर होगा जिसमें न्यूनतम योग्यता अंक 33% निर्धारित हैं।
- मूल्यांकन के उद्देश्य से उम्मीदवारों को प्रारंभिक परीक्षा के दोनों पेपरों में उपस्थित होना अनिवार्य है।
- इसलिए एक उम्मीदवार को अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा यदि वह दोनों पेपरों में उपस्थित नहीं होता है।
UPPSC PCS Mains Exam Pattern
UPPSC PCS Mains Exam सिविल सेवा परीक्षा के दूसरे चरण का गठन करती है। प्रारंभिक परीक्षा में सफलतापूर्वक उत्तीर्ण होने के बाद ही उम्मीदवारों को यूपीपीएससी पीसीएस मेन्स लिखने की अनुमति दी जाएगी।यूपीपीएससी मेन्स परीक्षा में वर्णनात्मक प्रकार के 8 पेपर होते हैं। आइये अब हम विस्तृत UPPSC PCS Mains परीक्षा पैटर्न पर एक नज़र डालते हैं-
Exam | Subject Marks | Duration |
Paper 1 सामान्य हिंदी | 150 | 3 घण्टे |
Paper 2 निबन्ध | 150 | 3 घण्टे |
Paper 3 सामान्य अध्ययन I | 200 | 3 घण्टे |
Paper 4 सामान्य अध्ययन II | 200 | 3 घण्टे |
Paper 5 सामान्य अध्ययन III | 200 | 3 घण्टे |
Paper 6 सामान्य अध्ययन IV | 200 | 3 घण्टे |
Paper 7 वैकल्पिक विषय I | 200 | 3 घण्टे |
Paper 8 वैकल्पिक विषय II | 200 | 3 घण्टे |
महत्वपूर्ण बिंदु
- मुख्य प्रत्येक पेपर के लिए परीक्षा की अवधि 3 घंटे होगी। यूपीपीएससी मेन्स परीक्षा कुल 1500 अंकों की होगी।
- सभी आठ पेपर स्कोरिंग प्रकृति के हैं, उनके अंक अंतिम मेरिट सूची में शामिल किए जाएंगे।
- उम्मीदवारों को पेपर VII और पेपर VIII के लिए वैकल्पिक विषय के रूप में नीचे दी गई तालिका में से किसी एक विषय का चयन करना होता है।
- एक उम्मीदवार को सामान्य हिंदी के अनिवार्य पेपर में एक न्यूनतम अंक प्राप्त करने की आवश्यकता होगी, जैसा कि सरकार या आयोग द्वारा निर्धारित किया जा सकता है।
UPPSC PCS Interview Pattern
UPPSC PCS परीक्षा के अंतिम चरण यानी साक्षात्कार खंड का 100 अंकों का वेटेज है। उम्मीदवार का साक्षात्कार एक बोर्ड द्वारा होगा जिसके सामने उम्मीदवार के परिचयवृत का अभिलेख होगा। यह साक्षात्कार इस उद्देश्य से होगा कि सक्षम और निष्पक्ष प्रेक्षकों का बोर्ड यह जान सके कि उम्मीदवार लोक सेवा के लिए व्यक्तित्व की दृष्टि से उपयुक्त है या नहीं।
यह परीक्षा उम्मीदवार की मानसिक सतर्कता, आलोचनात्मक ग्रहण शक्ति, स्पष्ट और तर्क संगत प्रतिपादन की शक्ति, संतुलित निर्णय की शक्ति, रुचि की विविधता और गहराई नेतृत्व और सामाजिक संगठन की योग्यता, बौद्धिक और नैतिक ईमानदारी को जांचने के अभिप्रायः से की जाती है। तो दोस्तों ये था UPPSC PCS Exam Pattern. ओर अब जानते है सिलेबस के बारे में विस्तार से-
यूपीपीएससी पीसीएस पाठ्यक्रम | UPPSC PCS Syllabus in Hindi
साथियों आप यहां से यूपीपीसीएस का डिटेल सिलेबस पढ़ सकते हैं यहां पर UPPSC PCS Syllabus in Hindi Pre/Mains को देख सकते हैं और सिलेबस की पीडीएफ नीचे से डाउनलोड बटन पर क्लिक करके डाउनलोड कर सकते हैं तो चलिए जानते हैं यूपीपी एचसीपीसीएस पाठ्यक्रम के बारे में विस्तार से-
UPPSC PCS Prelims Exam Syllabus
प्रश्न पत्र-
- राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय महत्व की सामयिक घटनायें: राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय महत्व की समसामयिक घटनाओं पर अभ्यर्थियों को जानकारी रखनी होगी।
- भारत का इतिहास एवं भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलनः इतिहास के अन्तर्गत भारतीय इतिहास के सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक पक्षों की व्यापक जानकारी पर विशेष ध्यान देना होगा। भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन पर अभ्यर्थियों से स्वतंत्रता आन्दोलन की प्रकृति तथा विशेषता, राष्ट्रवाद का अभ्युदय तथा स्वतंत्रता प्राप्ति के बारे में सामान्य जानकारी अपेक्षित है।
- भारत एवं विश्व का भूगोलः भारत एवं विश्व का भौतिक, सामाजिक एवं आर्थिक भूगोलः विश्व भूगोल में – विषय की केवल सामान्य जानकारी की परख होगी। भारत का भूगोल के अन्तर्गत देश के भौतिक, सामाजिक एवं आर्थिक भूगोल से सम्बन्धित प्रश्न होंगे।
- भारतीय राजनीति एवं शासन- संविधान, राजनीतिक व्यवस्था, पंचायती राज, लोकनीति, आधिकारिक प्रकरण आदि: भारतीय राज्य व्यवस्था, अर्थव्यवस्था एवं संस्कृति के अन्तर्गत देश के पंचायती राज तथा सामुदायिक विकास सहित राजनीतिक प्रणाली के ज्ञान तथा भारत की आर्थिक नीति के व्यापक लक्षणों एवं भारतीय संस्कृति की जानकारी पर प्रश्न होंगे।
- आर्थिक एवं सामाजिक विकास सतत विकास, गरीबी अन्तर्विष्ट जनसांख्यिकीय, सामाजिक क्षेत्र के इनिशियेटिव आदि: अभ्यर्थियों की जानकारी का परीक्षण जनसंख्या, पर्यावरण तथा नगरीकरण की समस्याओं तथा उनके सम्बन्धों के परिप्रेक्ष्य में किया जायेगा।
- पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी सम्बन्धी सामान्य विषय जैव विविधता एवं जलवायु परिवर्तनः इस विषय में विषय विशेषज्ञता की आवश्यकता नहीं है। अभ्यर्थियों से विषय की सामान्य जानकारी अपेक्षित है।
- सामान्य विज्ञान: सामान्य विज्ञान के प्रश्न दैनिक अनुभव तथा प्रेक्षण से सम्बन्धित विषयों सहित विज्ञान के सामान्य परिबोध एवं जानकारी पर आधारित होंगे, जिसकी किसी भी सुशिक्षित व्यक्ति से अपेक्षा की जा सकती है, जिसने वैज्ञानिक विषयों का विशेष अध्ययन नहीं किया है।
प्रश्न पत्र- II CSAT
- अंकगणित
- बीजगणित
- रेखागणित
- सांख्यिकी
- General English (UpTo Class X Level)
- सामान्य हिन्दी (हाईस्कूल स्तर तक)
UPPSC PCS Mains Exam Syllabus
सामान्य हिन्दी प्रश्न पत्र- I ( 150 अंक) अवधि : तीन घंटे
- दिये हुए गद्य खण्ड का अवबोध एवं प्रश्नोत्तर।
- संक्षेपण।
- सरकारी एवं अर्धसरकारी पत्र लेखन, तार लेखन, कार्यालय आदेश, अधिसूचना, परिपत्र
- शब्द ज्ञान एवं प्रयोग
- उपसर्ग एवं प्रत्यय प्रयोग,
- विलोम शब्द,
- वाक्यांश के लिए एक शब्द
- वर्तनी एवं वाक्य शुद्धि
- लोकोक्ति एवं मुहावरे।
निबन्ध प्रश्न पत्र- II ( 150 अंक) अवधि : तीन घंटे
निबन्ध हिन्दी, अंग्रेजी अथवा उर्दू में लिखे जा सकते हैं। निबन्ध के प्रश्न पत्र में 3 खण्ड होंगे। प्रत्येक खण्ड से एक-एक विषय पर 700 (सात सौ) शब्दों में निबन्ध लिखना होगा। प्रत्येक खण्ड 50-50 अंकों का होगा। तीनों खण्डों में निम्नलिखित विषयों पर आधारित निबन्ध के प्रश्न होंगे।
- (क) साहित्य और संस्कृति सामाजिक क्षेत्र राजनैतिक क्षेत्र
- (ख) विज्ञान पर्यावरण और प्रौद्योगिकी आर्थिक क्षेत्र कृषि उद्योग एवं व्यापार
- (ग) राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रम प्राकृतिक आपदाएं भू-स्खलन भूकम्प, बाढ़, सूखा, आदि राष्ट्रीय विकास योजनाएं एवं परियोजनाएं
सामान्य अध्ययन-I प्रश्न पत्र-III ( 200 अंक) अवधि : तीन घंटे
- भारतीय संस्कृति के इतिहास में प्राचीन काल से आधुनिक काल तक के कला प्रारूप, साहित्य एवं वास्तुकला के महत्वपूर्ण पहलू शामिल होंगे।
- आधुनिक भारतीय इतिहास (1757 ई0 से 1947 ई0 तक) महत्वपूर्ण घटनाएं, व्यक्तित्व एवं समस्याए इत्यादि।
- स्वतंत्रता संग्राम- इसके विभिन्न चरण और देश के विभिन्न भागों से इसमें अपना योगदान देने वाले महत्वपूर्ण व्यक्ति / उनका योगदान।
- स्वतंत्रता के पश्चात् देश के अंदर एकीकरण और पुनर्गठन (1965 ई0 तक)।
- विश्व के इतिहास में 18 वीं सदी से बीसवीं सदी के मध्य तक की घटनाएं जैसे फ्रांसीसी क्रान्ति 1789, औद्योगिक क्रांति, विश्व युद्ध राष्ट्रीय सीमाओं का पुन सीमांकन, उपनिवेशवाद, उपनिवेशवाद की समाप्ति, राजनीतिक दर्शन शास्त्र जैसे साम्यवाद, पूँजीवाद, समाजवाद, नाजीवाद, फासीवाद इत्यादि के रूप और समाज पर उनके प्रभाव इत्यादि शामिल होंगे।
- भारतीय समाज और संस्कृति की मुख्य विशेषताए।
- महिलाओं की समाज और महिला संगठनों में भूमिका, जनसंख्या तथा सम्बद्ध समस्याएं, गरीबी और विकासात्मक विषय, शहरीकरण उनकी समस्याएं और उनके रक्षोपाय
- उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण का अभिप्राय और उनका भारतीय समाज के अर्थ व्यवस्था, राज्यव्यवस्था और समाज संरचना पर प्रभाव।
- सामाजिक सशक्तीकरण, साम्प्रदायिकता, क्षेत्रवाद और धर्मनिरपेक्षता ।
- विश्व के प्रमुख प्राकृतिक संसाधनों का वितरण- जल, मिट्टियाँ एवं वन दक्षिण एवं दक्षिण पूर्व एशिया में (भारत के विशेष संदर्भ में)।
- भौतिक भूगोल की प्रमुख विशिष्टताएं- भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखी क्रियाएँ, चक्रवात, समुद्री जल धाराएं, पवन एवं हिम सरिताएं।
- भारत के सामुद्रिक संसाधन एवं उनकी संभाव्यता
- मानव प्रवास विश्व की शरणार्थी समस्या- भारत- उपमहाद्वीप के संदर्भ में
- सीमान्त तथा सीमाए- भारत उपमहाद्वीप के संदर्भ में
15 जनसंख्या एवं अधिवास प्रकार एवं प्रतिरूप, नगरीकरण, स्मार्ट नगर एवं स्मार्ट ग्राम।
- उत्तर प्रदेश का विशेष ज्ञान-इतिहास, संस्कृति, कला, साहित्य, वास्तुकला, त्योहार, लोक नृत्य साहित्य, प्रादेशिक भाषाएं, धरोहरें, सामाजिक रीति-रिवाज एवं पर्यटन
- उ0प्र0 का विशेष ज्ञान- भूगोल- मानव एवं प्राकृतिक संसाधन, जलवायु मिट्टियाँ, वन वन्य-जीव, खदान और खनिज, सिंचाई के स्रोत
सामान्य अध्ययन-II प्रश्न पत्र- IV ( 200 अंक) अवधि : तीन घंटे
- भारतीय संविधान ऐतिहासिक आधार विकास, विशेषताएं, संशोधन, महत्वपूर्ण प्रावधान तथा आधारभूत संरचना संविधान के आधारभूत प्रावधानों के विकास में उच्चतम न्यायालय की भूमिका
- संघ एवं राज्यों के कार्य तथा उत्तरदायित्व, संघीय ढांचे से संबंधित विषय एवं चुनौतिया, स्थानीय स्तर पर शक्तियों और वित्त का हस्तांतरण और उसकी चुनौतियां
- केन्द्र-राज्य वित्तीय सम्बन्धों में वित्त आयोग की भूमिका
- शक्तियों का पृथक्करण, विवाद निवारण तंत्र तथा संस्थाएं वैकल्पिक विवाद निवारण तंत्रों का उदय एवं उनका प्रयोग
- भारतीय संवैधानिक योजना की अन्य प्रमुख लोकतांत्रिक देशों के साथ तुलना
- संसद और राज्य विधायिका संरचना कार्य कार्य संचालन, शक्तियों एवं विशेषाधिकार तथा संबंधित विषय
- कार्यपालिका और न्यायपालिका की संरचना, संगठन और कार्य सरकार के मंत्रालय एवं विभाग, प्रभावक समूह और औपचारिक / अनौपचारिक संघ तथा शासन प्रणाली में उनकी भूमिका। जनहित वाद (पी0आई0एल०)।
- जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की मुख्य विशेषताएं।
- विभिन्न संवैधानिक पदों पर नियुक्ति, शक्तियों कार्य तथा उनके उत्तरदायित्व 10 सांविधिक, विनियामक और विभिन्न अर्ध-न्यायिक निकाय, नीति आयोग समेत उनकी विशेषताएं एव कार्यभासरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए हस्तक्षेप, उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय एवं सूचना संचार प्रौद्योगिकी (आई०सी०टी०)।
- विकास प्रक्रियाएं गैर सरकारी संगठनों की भूमिका, स्वयं सहायता समूह विभिन्न समूह एवं संघ, अभिदाता, सहायतार्थ संस्थाएं संस्थागत एवं अन्य अशधारक।
- केन्द्र एवं राज्यों द्वारा जनसंख्या के अति संवेदनशील वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएं और इन योजनाओं का कार्य निष्पादन इन अति संवेदनशील वर्गों की रक्षा एवं बेहतरी के लिए गठित तंत्र, विधि, संस्थान एवं निकाय
- स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र / सेवाओं के विकास एवं 15. गरीबी और भूख से संबंधित विषय एवं राजनैतिक व्यवस्था के लिए इनका निहितार्थ प्रबंधन से संबंधित विषय।
- शासन व्यवस्था, पारदर्शिता और जवाबदेही के महत्वपूर्ण पक्ष, ई-गवर्नेस अनुप्रयोग, मॉडल, सफलताए, सीमाएं और संभावनाएं नागरिक चार्टर, पारदर्शिता एवं जवाबदेही और संस्थागत व अन्य उपाय।
- लोकतंत्र में उभरती हुई प्रवृत्तियों के संदर्भ में सिविल सेवाओं की भूमिका
- भारत एवं अपने पड़ोसी देशों से उसके संबंध। 19. द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और / अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
- भारत के हितों एवं अप्रवासी भारतीयों पर विकसित तथा विकासशील देशों की नीतियों तथा राजनीति का प्रभाव।
- महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, संस्थाएं और मंच- उनकी संरचना अधिदेश तथा उनका कार्य भाग |
- उ०प्र० के राजनैतिक, प्रशासनिक, राजस्व एवं न्यायिक व्यवस्थाओं की विशिष्ट जानकारी।
- क्षेत्रीय प्रान्तीय राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय महत्व के समसामयिक घटनाक्रम
सामान्य अध्ययन- III प्रश्न पत्र- V ( 200 अंक) अवधि : तीन घंटे
- भारत में आर्थिक नियोजन, उद्देश्य एवं उपलब्धियों, नीति (एन०आई०टी०आई०) आयोग की भूमिका
- गरीबी के मुद्दे, बेरोजगारी, सामाजिक न्याय एवं समावेशी संवृद्धि।
- सरकार के बजट के अवयव तथा वित्तीय प्रणाली।
- प्रमुख फसलें, विभिन्न प्रकार की सिंचाई विधि एवं सिंचाई प्रणाली, कृषि उत्पाद का भंडारण, ढुलाई एवं विपणन, किसानों की सहायता हेतु ई-तकनीकी
- अप्रत्यक्ष एवं प्रत्यक्ष कृषि सहायकी तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य से जुड़े मुद्दे, सार्वजनिक वितरण प्रणाली – उद्देश्य क्रियान्वयन, परिसीमाएं, सुदृढीकरण खाद्य सुरक्षा एवं बफर भण्डार, कृषि सम्बन्धित तकनीकी अभियान टेक्नालाजी मिशन
- भारत में खाद्य प्रसंस्करण व संबंधित उद्योग कार्यक्षेत्र एवं महत्व, स्थान निर्धारण, उर्ध्व व अधोप्रवाह आवश्यकताएं, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन।
- भारत में स्वतंत्रता के पश्चात् भूमि सुधार।
- भारत में वैश्वीकरण तथा उदारीकरण के प्रभाव, औद्योगिक नीति में परिवर्तन तथा इनके औद्योगिक संवृद्धि पर प्रभाव।
- आधारभूत संरचनाः ऊर्जा, बंदरगाह, सड़क, विमानपत्तन तथा रेलवे आदि ।
- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विकास एवं अनुप्रयोग (दैनिक जीवन एवं राष्ट्रीय सुरक्षा में भारत की विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी नीति)।
- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियां प्रौद्योगिकी का देशजीकरण नवीन प्रौद्योगिकियों का विकास, प्रौद्योगिकी का हस्तान्तरण, द्विअनुप्रयोगी एवं क्रान्तिक अनुप्रयोग प्रौद्योगिकियाँ ।
- सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, कंम्प्यूटर, ऊर्जा स्त्रोतों, नैनो प्रौद्योगिकी, सूक्ष्म जीव विज्ञान, जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र में जागरूकता बौद्धिक सम्पदा अधिकारों एवं डिजिटल अधिकारों से सम्बन्धित मुद्दे ।
- पर्यावरणीय सुरक्षा एवं पारिस्थितिकी तंत्र, वन्य जीवन संरक्षण, जैव विविधता, पर्यावरणीय प्रदूषण एवं क्षरण, पर्यावरणीय संघात आंकलन
- आपदाः गैर-पारम्परिक सुरक्षा एवं संरक्षा की चुनौती के रूप में, आपदा उपशमन एवं प्रबन्धन ।
- अन्तर्राष्ट्रीय सुरक्षा की चुनौतियाः आणुविक प्रसार के मुद्दे, अतिवाद के कारण तथा प्रसार, संचार तन्त्र, मीडिया की भूमिका तथा सामाजिक तन्त्रीयता, साइबर सुरक्षा के आधार मनी लाउन्डरिंग तथा मानव तस्करी ।
- भारत की आन्तरिक सुरक्षा की चुनौतियां आतंकवाद, भ्रष्टाचार, प्रतिविद्रोह तथा संगठित अपराध।
- सुरक्षा बलों की भूमिका, प्रकार तथा शासनाधिकार, भारत का उच्च रक्षा संगठन |
- उत्तर प्रदेश के आर्थिक परिदृष्य का विशिष्ट ज्ञान:- उत्तर प्रदेश की अर्थ व्यवस्था का सामान्य विवरण, राज्य के बजट कृषि, उद्योग, आधारभूत संरचना एवं भौतिक संसाधनों का महत्व मानव संसाधन विकास, सरकार के कार्यक्रम एवं कल्याणकारी योजनाएं ।
- कृषि, बागवानी, वानिकी एवं पशुपालन के मुद्दे ।
- उत्तर प्रदेश के विशेष संदर्भ में कानून एवं व्यवस्था और नागरिक सुरक्षा
सामान्य अध्ययन- IV प्रश्न पत्र VI ( 200 अंक) अवधि : तीन घंटे
- नीतिशास्त्र तथा मानवीय अन्तः सम्बन्ध, मानवीय क्रियाकलापों में नीतिशास्त्र का सारतत्व, इसके निर्धारक और परिणाम नीतिशास्त्र के आयाम, निजी और सार्वजनिक संबंधों में नीतिशास्त्र मानवीय मूल्य-महान नेताओं, सुधारकों और प्रशासकों के जीवन तथा उनके उपदेशों से शिक्षा, मूल्य विकसित करने में परिवार, समाज और शैक्षणिक संस्थाओं की भूमिका ।
- अभिवृत्तिः अंर्तवस्तु (कंटेन्ट), संरचना, कार्य, विचार तथा आचरण के परिप्रेक्ष्य में इसका प्रभाव एवं संबंध, नैतिक और राजनीतिक अभिरूचि, सामाजिक प्रभाव और सहमति पैदा करना।
- सिविल सेवा के लिए अभिरूचि तथा बुनियादी मूल्य, सत्यनिष्ठा, निष्पक्षता तथा गैर- तरफदारी, वस्तुनिष्ठता, सार्वजनिक सेवा के प्रति समर्पण भाव, कमजोर वर्गों के प्रति सहानुभूति, सहिष्णुता तथा करूणा
- संवेगात्मक बुद्धिः अवधारणाएं तथा आयाम, प्रशासन और शासन व्यवस्था में उनकी उपयोगिता और प्रयोग ।
- भारत तथा विश्व के नैतिक विचारकों तथा दार्शनिकों का योगदान
- लोक प्रशासनों में लोक / सिविल सेवा मूल्य तथा नीतिशास्त्र: स्थिति तथा समस्याएं, सरकारी तथा निजी संस्थानों में नैतिक सरोकार तथा दुविधाएं, नैतिक मार्गदर्शन के स्त्रोतों के रूप में विधि, नियम, नियमन तथा अंतर्रात्मा, जवाबदेही तथा नैतिक शासन व्यवस्था में नैतिक मूल्यों का सुदृढ़ीकरण, अंतर्राष्ट्रीय संबंधों तथा निधि व्यवस्था (फंडिंग) में नैतिक मुद्दे, कारपोरेट शासन व्यवस्था ।
- शासन व्यवस्था में ईमानदारी: लोक सेवा की अवधारणा, शासन व्यवस्था और ईमानदारी का दार्शनिक आधार, सरकार में सूचना का आदान-प्रदान और पारदर्शिता, सूचना का अधिकार, नीतिपरक आचार संहिता, आचरण संहिता, नागरिक घोषणा पत्र कार्य संस्कृति सेवा प्रदान करने की गुणवत्ता, लोक निधि का उपयोग, भ्रष्टाचार की चुनौतियां |
- उपर्युक्त विषयों पर मामला संबंधी अध्ययन (केस स्टडी)
UPPSC Syllabus: Optional Subjects
Agriculture & Veterinary Science | Arabic | Zoology |
Chemistry | Hindi | Statistics |
Defence Studies | Persian | Physics |
Management | Sanskrit | Mathematics |
Political Science & International Relations | Geology | Commerce & Accountancy |
Geography | Psychology | Economics |
History | Civil Engineering | Public Administration |
Social Work | Medical Science | Sociology |
Agricultural Engineering | Philosophy | Anthropology |
Mechanical Engineering | Botany | Electrical Engineering |
Law | English | Animal Husbandry |
Urdu Literature |
तो अभ्यार्थियों यह था यूपीपीएससी पीसीएस का सिलेबस आपसे पढ़कर एग्जाम की तैयारी कर सकते हैं।
UPPSC PCS Syllabus in Hindi PDF Download
साथियों अब आप यहां से UPPSC PCS Syllabus in Hindi PDF Download कर सकती है नीचे डाउनलोड बटन पर क्लिक करके डाउनलोड करें-
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साथियों आशा करते हैं कि अब आपको यूपीपीएससी पीसीएस सिलेबस इन हिंदी पीडीएफ (UPPSC PCS Syllabus in Hindi PDF) फाइल मिल गई होगी इसके साथ ही और आपने यह जानकारी ली होगी कि यूपीपीएससी पीसीएस क्या है एग्जाम पैटर्न क्या है पूरी जानकारी विस्तार से पढ़ी होगी अगर आपके मन में कोई सवाल है तो आप हमें कमेंट करके जरूर बताएं।
Nice आपने अच्छा PDF diya है