श्री दुर्गा चालीसा पाठ करना एक बहुत ही अच्छी बात है अगर आप श्री दुर्गा माता का गुणगान करते हैं तो आपको श्री दुर्गा चालीसा का पाठ करना चाहिए अगर आप दुर्गा चालीसा का पाठ करते हैं और दुर्गा चालीसा पीडीएफ डाउनलोड (Durga Chalisa in Hindi PDF Download) करना चाहते हैं तो आप यहां से दुर्गा चालीसा नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके डाउनलोड कर सकते हैं।
दुर्गा चालीसा हनुमान चालीसा के जैसे दुर्गा माता की प्रार्थना करने के लिए चालीसा है एक बंदना है तो आज के इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे कि दुर्गा चालीसा क्या है इसका पाठ कैसे करना है दुर्गा चालीसा का पाठ करने के क्या फायदे हैं पूरी जानकारी बताइए तो पहले आप इस पोस्ट को ध्यान से पढ़िए और फिर आप दुर्गा चालीसा पीडीएफ फाइल नीचे दिए गए डाउनलोड बटन पर क्लिक करके डाउनलोड करें।
Durga chalisa lyrics in Hindi PDF Overview
PDF Name | Shri Durga Chalisa in Hindi |
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Language | Hindi, Sanskrit |
Total Page | 2 |
Size | 110 KB |
Category | Religion & Spirituality |
Uploded By | Admin |
श्री दुर्गा चालीसा क्या है पूरी जानकारी
श्री दुर्गा चालीसा, भगवान मां दुर्गा को समर्पित एक प्रमुख हिन्दू आराधना स्तोत्र है। यह चालीसा मां दुर्गा की महिमा, कृपा, बल और सद्भावना का वर्णन करती है। इसे भक्तिमयी भावना के साथ पाठ किया जाता है ताकि दुर्गा माता की कृपा प्राप्त की जा सके। यह चालीसा नवरात्रि के दौरान विशेष रूप से पठने जाती है।
श्री दुर्गा चालीसा हिंदी में | Shri Durga chalisa lyrics in Hindi
।। श्री दुर्गा चालीसा प्रारंभ ।।
नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो अंबे दुःख हरनी॥
निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूं लोक फैली उजियारी॥
शशि ललाट मुख महाविशाला। नेत्र लाल भृकुटि विकराला॥
रूप मातु को अधिक सुहावे। दरश करत जन अति सुख पावे॥
तुम संसार शक्ति लै कीना। पालन हेतु अन्न धन दीना॥
अन्नपूर्णा हुई जग पाला। तुम ही आदि सुन्दरी बाला॥
प्रलयकाल सब नाशन हारी। तुम गौरी शिवशंकर प्यारी॥
शिव योगी तुम्हरे गुण गावें। ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावें॥
रूप सरस्वती को तुम धारा। दे सुबुद्धि ऋषि मुनिन उबारा॥
धरयो रूप नरसिंह को अम्बा। परगट भई फाड़कर खम्बा॥
रक्षा करि प्रह्लाद बचायो। हिरण्याक्ष को स्वर्ग पठायो॥
लक्ष्मी रूप धरो जग माहीं। श्री नारायण अंग समाहीं॥
क्षीरसिन्धु में करत विलासा। दयासिन्धु दीजै मन आसा॥
हिंगलाज में तुम्हीं भवानी। महिमा अमित न जात बखानी॥
मातंगी अरु धूमावति माता। भुवनेश्वरी बगला सुख दाता॥
श्री भैरव तारा जग तारिणी। छिन्न भाल भव दुःख निवारिणी॥
केहरि वाहन सोह भवानी। लांगुर वीर चलत अगवानी॥
कर में खप्पर खड्ग विराजै। जाको देख काल डर भाजै॥
सोहै अस्त्र और त्रिशूला। जाते उठत शत्रु हिय शूला॥
नगरकोट में तुम्हीं विराजत। तिहुँलोक में डंका बाजत॥
शुम्भ निशुम्भ दानव तुम मारे। रक्तन बीज शंखन संहारे॥
महिषासुर नृप अति अभिमानी। जेहि अघ भार मही अकुलानी॥
रूप कराल कालिका धारा। सेन सहित तुम तिहि संहारा॥
परी गाढ़ सन्तन पर जब जब। भई सहाय मातु तुम तब तब॥
आभा पुरी अरु बासव लोका। तब महिमा सब रहें अशोका॥
ज्वाला में है ज्योति तुम्हारी। तुम्हें सदा पूजें नर-नारी॥
प्रेम भक्ति से जो यश गावें। दुःख दारिद्र निकट नहिं आवें॥
ध्यावे तुम्हें जो नर मन लाई। जन्म-मरण ताकौ छुटि जाई॥
जोगी सुर मुनि कहत पुकारी। योग न हो बिन शक्ति तुम्हारी॥
शंकर आचारज तप कीनो। काम क्रोध जीति सब लीनो॥
निशिदिन ध्यान धरो शंकर को। काहु काल नहिं सुमिरो तुमको॥
शक्ति रूप का मरम न पायो। शक्ति गई तब मन पछितायो॥
शरणागत हुई कीर्ति बखानी। जय जय जय जगदम्ब भवानी॥
भई प्रसन्न आदि जगदम्बा। दई शक्ति नहिं कीन विलम्बा॥
मोको मातु कष्ट अति घेरो। तुम बिन कौन हरै दुःख मेरो॥
आशा तृष्णा निपट सतावें। रिपु मुरख मोही डरपावे॥
शत्रु नाश कीजै महारानी। सुमिरौं इकचित तुम्हें भवानी॥
करो कृपा हे मातु दयाला। ऋद्धि-सिद्धि दै करहु निहाला।
जब लगि जियऊं दया फल पाऊं। तुम्हरो यश मैं सदा सुनाऊं॥
श्री दुर्गा चालीसा जो कोई गावै। सब सुख भोग परमपद पावै॥
देवीदास शरण निज जानी। करहु कृपा जगदम्ब भवानी॥
॥ इति श्री दुर्गा चालीसा सम्पूर्ण ॥
श्री दुर्गा चालीसा का पाठ कैसे करें?
श्री दुर्गा चालीसा का पाठ करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:
- सबसे पहले, साफ़ और शुद्ध मन और शरीर के साथ एक स्थिर और शांत स्थान पर बैठें।
- मां दुर्गा की प्रतिमा, या तस्वीर के सामक्ष बैठें। यदि आपके पास प्रतिमा नहीं है, तो भक्तिभाव से मां दुर्गा को स्मरण करें।
- अपने हाथों को जोड़कर, ध्यान को मन के मध्य में स्थापित करें और मां दुर्गा के चरणों की प्रार्थना करें।
- अपनी भक्ति और श्रद्धा के साथ, श्री दुर्गा चालीसा की शुरुआत करें। पहले दोहे से प्रारंभ करें और उसके बाद बाकी के चौपाईयाँ पढ़ें।
- चालीसा को स्वच्छंद रवैये से, स्पष्ट ध्वनि के साथ और अधिक भावभंगिमा के साथ पढ़ें। अपने अंतर में इसके अर्थ और मान को समझने का प्रयास करें।
- चालीसा के पठन के बाद, आप मां दुर्गा के चरणों को प्रणाम कर सकते हैं और अपनी इच्छा या मनोकामना प्रकट कर सकते हैं।
श्री दुर्गा चालीसा पाठ करने के फायदे
श्री दुर्गा चालीसा का पाठ करने के कई फायदे होते हैं, जिनमें से कुछ महत्वपूर्ण फायदे निम्नलिखित हैं:
- मां दुर्गा की कृपा: दुर्गा चालीसा के पाठ से मां दुर्गा की कृपा मिलती है और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह पाठकों को संकटों और दुःखों से मुक्ति दिलाता है और सुख और समृद्धि की प्राप्ति करवाता है।
- मनोवांछित फलों की प्राप्ति: दुर्गा चालीसा का पाठ करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। मां दुर्गा प्रतिदिन भक्तों की इच्छाओं को प्रदान करती हैं और उनकी सभी व्यक्तिगत और आर्थिक कष्टों को दूर करती हैं।
- शक्ति और उर्जा की प्राप्ति: दुर्गा चालीसा के पाठ से भक्तों को ऊर्जा और शक्ति मिलती है। यह पाठकों को मनोबल, शारीरिक शक्ति और धैर्य प्रदान करता है, जिससे वे अपने दैनिक जीवन के कठिनाइयों को सम्पन्न करने के लिए सक्रिय रहते हैं।
- आत्मिक शुद्धि: दुर्गा चालीसा का पाठ करने से मन की शुद्धि होती है और आत्मा में उजाला प्राप्त होता है। यह पाठकों को आध्यात्मिक विकास का मार्ग दिखाता है और उन्हें आत्म-ज्ञान और आनंद की प्राप्ति करवाता है।
- रक्षा और सुरक्षा: दुर्गा चालीसा का पाठ करने से भक्तों को आपत्तियों से बचाने और अशुभ शक्तियों से सुरक्षा प्राप्त होती है। मां दुर्गा अपने भक्तों की रक्षा करती हैं और उन्हें संकटों से मुक्ति दिलाती हैं।
दुर्गा चालीसा हिंदी में पीडीएफ डाउनलोड लिंक | Durga in Hindi PDF Download
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