अगर आप तुलसीदास द्वारा रचित श्रीरामचरितमानस उत्तरकांड हिंदी अर्थ सहित पीडीएफ फाइल डाउनलोड करना चाहते हैं तो आप सही जगह आए हैं इस लेख में हम आपके लिए Shri Ramcharitmanas Utterkand PDF Download लिंक लेकर के आए हैं आप यहां से डाउनलोड कर सकते हैं।
श्रीरामचरितमानस के कई भाग हैं जिनमें से उत्तरकांड श्रीरामचरितमानस महाकाव्य का एक महत्वपूर्ण भाग है तो आज किस पोस्ट में हम आपको बताएंगे कि रामचरितमानस उत्तरकांड क्या है और पीडीएफ फाइल कैसे डाउनलोड करें पूरी जानकारी विस्तार से-
Ramcharitmanas Utterkand PDF Owerview
PDF Name | Shri Ramcharitmanas Utterkand PDF |
---|---|
Language | Hindi |
Total Page | 126 |
Size | 11.26MB |
Writer | Tulsi Das |
Category | Religion & Spirituality |
Uploded By | Admin |
श्री रामचरितमानस उत्तरकांड क्या है?
रामचरितमानस उत्तरकांड वाल्मीकि रामायण का एक महत्वपूर्ण अंश है। यह अंश रामायण की समाप्ति भाग है और इसमें भगवान श्रीराम के अयोध्या वापसी के बाद के घटनाक्रम वर्णित हैं। उत्तरकांड में वाल्मीकि मुनि रामायण की समाप्ति और रामराज्य की वर्णन करते हैं।
यह अंश चार भागों में विभाजित है: बालकांड, अयोध्याकांड, अरण्यकांड, और किष्किंधाकांड। इन चार भागों के बाद आते हैं उत्तरकांड और यह भाग रामायण की समाप्ति को दर्शाता है।
उत्तरकांड में भगवान राम अपने राज्य का वर्णन करते हैं और उनके धर्म के अनुसार राज्य का प्रशासन करने के नियमों की बात की जाती है। इसमें रामायण के अन्य प्रमुख पात्रों जैसे भरत, शत्रुघ्न, गुह, हनुमान, लक्ष्मण, और सीता का भी उल्लेख किया गया है।
श्री रामचरितमानस उत्तरकांड के प्रमुख दोहे
श्री रामचरितमानस उत्तरकांड में कई प्रमुख दोहे हैं जो भक्ति और जीवन के मूल्यों को संक्षेप में प्रस्तुत करते हैं। यहां कुछ प्रमुख दोहे हैं:
- “बिनु प्रेम भगति जग सुख नहीं। ज्ञान बिनु सुर नर मुनि नहीं॥”- अर्थ: प्रेम और भक्ति के बिना इस जगत में सुख नहीं होता है। संसार में सुर, नर, और मुनि तभी महान होते हैं जब उनमें ज्ञान और भक्ति का संगम होता है।
- “सचिव अरु सुखदाता कवन बिधि बिपरीत। भजि राम करुना कृपा बिनु आवत न लागत सीत॥”-अर्थ: सच्चे मित्र और सुखदाता कौन होता है, यह कैसे बिपरीत हो सकता है। सीता जी बिना श्रीराम की करुणा और कृपा के बिना आवश्यकता को पूरा नहीं कर सकतीं।
- “सुखु सनेहु सुजन संग नहीं। चाहि सो जगत बिषय सुख जाहिं॥”-अर्थ: सुख, स्नेह, और सुजनों के संग में अलग सुख नहीं होता है। जो मनुष्य इस संसार में विषय सुख की आकांक्षा करता है, उसे वही सुख प्राप्त होता है।
रामचरितमानस उत्तरकांड हिंदी अर्थ सहित पीडीएफ डाउनलोड
अगर आप रामचरितमानस उत्तरकांड की हिंदी अर्थ सहित पीडीएफ डाउनलोड करना चाहते हैं तो नीचे दिए गए डाउनलोड बटन पर क्लिक करके आप Ramcharitmanas Utterkand PDF डाउनलोड कर सकते हैं।
- Related- Hanuman chalisa in Hindi PDF
आशा है कि अब आपको श्री रामचरितमानस उत्तरकांड अर्थ सहित पीडीएफ डाउनलोड (Ramcharitmanas Utterkand PDF Download) कर ली होगी इसके साथ आपने यह जानकारी भी ली होगी कि रामचरितमानस उत्तरकांड क्या है अगर आपको और जानकारी चाहिए तो आप हमें कमेंट करके बताएं और इसके साथ ही इस पोस्ट को शेयर भी करें धन्यवाद।